महिला सशक्तिकरण या नारी सशक्तिकरण को समझने से पहले हम सशक्तिकरण क्या होता है उसे समझते हैं
सशक्तिकरण का अर्थ किसी व्यक्ति की योग्यता से है जिसमें वह अपने जीवन से जुड़े हर निर्णय हर कार्य स्वयं कर सके
अब हम आते हैं महिला सशक्तिकरण होता क्या है | women’s empowerment in hindi
महिला सशक्तिकरण को हम सरल शब्दों में परिभाषित कर सकते हैं महिला शक्तिशाली बनती है जिससे वह अपने जीवन से जुड़े हर फैसले हर कार्य स्वयं कर सकती है और अपने समाज और परिवार को अच्छे से रख सकती है समाज में उनके वास्तविक मूल अधिकार को प्राप्त करने के लिए उन्हें सक्षम बनाना महिला सशक्तिकरण है
महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता भारत में क्यों है
महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता भारत में इसलिए हुई क्योंकि पुराने समय से भारत में लैंगिक असमानता थी और हमारा भारत देश पुरुष प्रधान समाज था महिलाओं को अपने समाज और परिवार के द्वारा ही कई कारणों से दबाया जाता था उन पर विभिन्न प्रकार के अत्याचार होते थे तथा परिवार और समाज में विभिन्न प्रकार के भेदभाव भी किए जाते थे यह हमारे भारत देश में ही नहीं बल्कि दूसरे देशों में भी देखने को मिलता था
शिक्षा के क्षेत्र में भी हमारे भारत की महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा काफी पीछे हैं भारत में महिलाओं की शिक्षा दर मात्र 60.6% रही है बल्कि वहीं पुरुषों की शिक्षा दर 81.3% है
शहरी महिलाओं की बात करें तो वह अधिक रोजगारशील है अपेक्षाकृत हमारी ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं हमारी ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं आज भी बिछड़ी हुई है जिन्हें हमें आगे लाना है उन्हें भी शक्तिशाली बनाना है वह भी अपने फैसले स्वयं ले सके हमें उन्हें इस प्रकार तैयार करना है
भारत देश काफी उत्साह और तेजी के साथ आगे बढ़ता जा रहा है इसे हम सभी बरकरार रख सकते हैं जब हम लैंगिक असमानता को दूर कर सकें महिलाओं के लिए भी पुरुष की तरह समान रूप से शिक्षा सुनिश्चित कर सकें
हमारे भारत देश में महिलाओं को सम्मान देने के लिए उन्हें माता का दर्जा दिया गया है महिलाओं की देवियों के रूप में पूजा की जाती है पर मात्र यह एक ढोंग है महिला आज भी असुरक्षित और असम्मानित है
नया समाज हमारी महिला अधिकार को लेकर ज्यादा जागरूक और उत्साहित है इसी कारण आज कई सारे एनजीओ और स्वयंसेवी समूह है जो महिलाओं के अधिकार के लिए कार्य करते हैं
सरकार द्वारा भी कई सारे कानूनी अधिकार और संवैधानिक बनाए और लागू किए गए हैं जिससे महिलाओं के खिलाफ होने वाले लैंगिक असमानता और बुरी प्रथाओं को हटाया जा सके
महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचार को हमारे भारत के कुछ महान व्यक्तियों द्वारा इसे समाप्त किया गया जैसे सती प्रथा को खत्म करने के लिए राजा राममोहन राय ने बहुत प्रयत्न किए ईश्वर चंद विद्यासागर स्वामी विवेकानंद आदि महापुरुषों ने भी महिला के खिलाफ होने वाले अत्याचार के लिए अपनी आवाज उठाई और कड़ा संघर्ष किया भारत में विधवाओं की स्थिति को सुधारने के लिए ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने अपने कड़े संघर्ष से विधवा पुनर्विवाह अधिनियम 9856 की शुरुआत कराई
भारत में महिला सशक्तिकरण के मार्ग में आने वाली बाधाए
- सामाजिक मापदंड
- कार्यक्षेत्र में शारीरिक शोषण
- लैंगिग भेदभाव
- भुगतान में असमानता
- अशिक्षा
- बाल विवाह
- महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराध
- कन्या भ्रूणहत्या
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भारत में महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार की भूमिका
सरकार द्वारा महिलाओं को शक्तिशाली बनाने के लिए कई सारी योजनाएं चलाई गई है इनमें से कुछ योजनाएं हैं रोजगार कृषि स्वास्थ्य आदि इन योजनाओं का गठन महिलाओं की स्थिति को देखते हुए किया गया ताकि समाज में महिलाएं आगे बढ़ सके समाज में अपना स्वयं का नाम कर सकें जैसे सर्व शिक्षा अभियान जननी सुरक्षा योजना मनरेगा आदि
भारत सरकार द्वारा और महिला एवं बाल विकास कल्याण मंत्रालय द्वारा भारतीय महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं इस आशा के साथ चलाई जा रही है कि एक ना एक दिन भारतीय समाज में महिलाओं को भी पुरुषों की तरह ही सभी अवसर का लाभ प्राप्त होगा
बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं योजना
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना कन्या भ्रूण हत्या और कन्या शिक्षा को ध्यान में रखकर बनाई गई है इसके अंतर्गत उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है ताकि समाज में भ्रमित लड़की एक बोझ है की सोच को बदला जा सके
महिला हेल्पलाइन योजना
हेल्पलाइन योजना में महिलाओं को 24 घंटे इमरजेंसी सहायता प्रदान की जाती है महिला इस योजना के अंतर्गत संपूर्ण देशभर में कहीं भी 181 नंबर को डायल करके अपने ऊपर होने वाली हिंसा या अपराध की शिकायत दर्ज कर सकती है
उज्जवला योजना
उज्जवल योजना महिलाओं को यौन शोषण और तस्करी को बचाने के लिए प्रारंभ की गई है इसके अंतर्गत उनके कल्याण और पुनर्वास के लिए कार्य किए जाते हैं
सपोर्ट टू ट्रेनिंग एंड एम्प्लॉयमेंट प्रोग्राम फॉर वूमेन (स्टेप)
इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाता है जिसमें महिला के कौशल निखारने का काम किया जाता है जिससे उन्हें रोजगार मिल सके और वह स्वयं अपना रोजगार आरंभ कर सके इस योजना के अंतर्गत जो कार्य क्षेत्र है वह यह है हथकरघा, बागबानी,सिलाई और मछली पालन आदि कार्यों में महिलाओं को शिक्षित किया जाता है
महिला शक्ति केंद्र
यह योजना सामूहिक योगदान के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को शक्तिशाली बनाने पर केंद्रित है इसके अंतर्गत पेशेवर व्यक्तियों और छात्राओं जैसे सामुदायिक स्वयंसेवक ग्रामीण महिलाओं को उनके कल्याणकारी और अधिकारों के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं
संसद द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए पारित किए गए कुछ अधिनियम
कानूनी अधिकार के साथ महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए संसद द्वारा भी कुछ अधिनियम पास किए गए हैं। वे अधिनियम निम्नलिखित हैं –
- अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम 1956
- दहेज रोक अधिनियम 1961
- एक बराबर पारिश्रमिक एक्ट 1976
- मेडिकल टर्म्नेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट 1987
- लिंग परीक्षण तकनीक एक्ट 1994
- बाल विवाह रोकथाम एक्ट 2006
- कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन शोषण एक्ट 2013
महिला सशक्तिकरण के लाभ
महिला सशक्तिकरण की सहायता लेकर हमारे देश की भारी जीना सीखी है आज वह हर निर्णय स्वतंत्रा पूर्णा ले सकती है क्योंकि वह इतना सक्षम बन चुकी है कि वह सभी निर्णय स्वतंत्र रूप से ले रही है
देश के हर इंसान को स्वतंत्र जीने का हक है पर पुरानी परंपराओं के चलते हमारे देश की नारी स्वतंत्र रूप से नहीं जी पा रही थी और सशक्तिकरण के आने से वह सभी बंधनों से मुक्त हुई और अपने निर्णय स्वयं लेने रही है क्योंकि वह इस योग्य है
महिलाएँ अब हर क्षेत्र में आगे आने लगी हैं। आज की नारी अब जाग्रत और सक्रीय हो चुकी है। किसी ने बहुत अच्छी बात कही है “नारी जब अपने ऊपर थोपी हुई बेड़ियों एवं कड़ियों को तोड़ने लगेगी, तो विश्व की कोई शक्ति उसे नहीं रोक पाएगी।”
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