खुद को कैसे बदले ? ये एक बहुत ही बड़ा सवाल है जिंसका जवाब हर कोई जानना चाहता है लेकिन हमको अभी तक इसका सही जवाब नहीं मिल पाया है तो दोस्तों आज मैं इसका practically जवाब देने जा रहा हूँ तो इस आर्टिकल को relax होकर अच्छे से पूरा पढ़े, तो चलिए शुरू करते है। …
नमस्कार दोस्तो, आज का ये समय हम सभी के लिए बहुत ही खराब चल रहा है, जब से कोरोना हमारे देश में फैल रहा है हम सभी अपने ही घरों में कैद हो गए है ।
जीवन परेशानियों से भरा होता है क्योंकि जिंदगी हर एक कदम पर नए नए challenge हमारे सामने फेकती है और उन challenge का सामना करने के लिए हम तैयार नहीं रहते है क्योंकि ये बातें हमको कभी किसी ने सिखाई ही नही है ।
इस दुनिया में हर एक इंसान के जीवन में problems आती रहती है लेकिन आगे सिर्फ वो ही बढ़ता है जो समय के अनुसार खुद को बदलना जानता हो ।
बदलाव प्रकृति का नियम है और जो इंसान खुद को समय के साथ बदलना जानता है वो ही इंसान जीवन में आगे growth कर पाता है बाकि तो शिकायते ही करते रह जाते है ।
समय बदल रहा है इसलिए हम सभी को भी बदलना बहुत ही जरूरी है और समय के साथ-साथ नई आदतें अपने खुद के अंदर विकसित करना भी बहुत जरूरी है ,इसलिए आज हम जानेंगे कि खुद को कैसे बदले ?
खुद को पूरी तरह से कैसे बदले जानने से पहले सबसे पहले हम जानते है कि बदलाव क्या होता है ?
जब हम किसी काम को एक ही तरीके से करते रहते है और उस काम का परिणाम हमको हर बार same ही मिलता है लेकिन जब हम खुद को पूरी तरह से बदल लेते है और एक काम को अलग-अलग तरीकों से करते है तो हम उसको बदलाव कहते है ।
बदलाव क्यों जरूरी है ?
बदलाव मुख्य रूप से प्रकृति के नियम है! यह प्राकृतिक है इसलिए हम सभी के लिए जरूरी भी है। अगर आप गौर करे तो दुनिया मे सबकुछ बदलाव के दौर से ही गुजरता रहा है और गुजर रहा है ये ब्रम्हांड भी ये पृथ्वी भी बदलाव से अछूती नही है।
अगर हम बात करे तो आदिमानव काल से लेकर आज के इस आधुनिक मानव तक का जो सफर है वो पूरी तरह से ही बदलाव से गुजरा है।
जीवन में Healthy और खुश रहने के लिये बदलाव बहुत जरुरी है। इसको हम एक example से समझते है जैसे आप हर रोज कपड़े बदलते है और हर दिन अलग तरह का खाना खाते है,सुबह की सैर को जाते है तो ही आपका शरीर स्वस्थ रहता है ।
वैज्ञानिक का कहना हैं कि अगर हम रोज एक सा काम करते रहे तो brain का development रुक जता है,brain के development के लिये हमे काम के तरीको मे बदलाव करते रहना ही चाहिए ।
खुद को पूरी तरह से कैसे बदले ?
अब तक हमने जाना कि बदलाव क्या होता है और ये क्यों जरूरी होता है, अब हम जानेंगे कि खुद को कैसे बदले और वो क्या-क्या तरीके है जिनकी मदद से हम खुद को बदल सकते है ?
1) एक टू-डू सूची बनाएं
यदि आप वास्तव में अपने जीवन को बेहतर के लिए बदलना चाहते हैं, तो दैनिक टू-डू सूची बनाने की आदत डालें। यह एक सफल रणनीति है जिसका उपयोग कई लोगों ने अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में अधिक संगठित होने के लिए किया है। टू-डू सूची की शक्ति दो गुना है।
सबसे पहले, सूचियां आपको यह देखने में सक्षम बनाती हैं कि कौन सी गतिविधियां सबसे महत्वपूर्ण हैं, जिससे आपको प्राथमिकता देने में मदद मिलती है ताकि आप सबसे महत्वपूर्ण कार्यों को पहले पूरा कर सकें।
दूसरा, टू-डू सूची आपको कार्यों को पूरा करने के बाद उन्हें भौतिक या डिजिटल रूप से पार करने की अनुमति देती है। यह कारक इस भ्रम को रोकेगा कि क्या आपने वास्तव में वह सब कुछ किया है जो आपको अपने जीवन को आगे बढ़ने और बढ़ने के लिए करने की आवश्यकता है।
2) हमेशा grateful attitude बनाए रखिए
जैसा कि कई शोधकर्ता जानते हैं, दुनिया के प्रति आभारी रवैया बनाए रखने से आपका जीवन कई तरह से बेहतर हो सकता है। उदाहरण के लिए, आभारी होना आपको मन की सकारात्मक स्थिति बनाए रखने के लिए सशक्त बना सकता है।
यह परिणाम उस दुनिया में अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण है जहां नकारात्मक सोच प्रचलित है। यदि नकारात्मक सोच से निपटा नहीं गया तो यह मन और शरीर के विभिन्न रोगों को जन्म दे सकती है। एक और कारण है कि आपको निश्चित रूप से आभारी रवैया बनाए रखने पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से आप उन अन्य व्यक्तियों से जुड़ सकते हैं जिन्होंने दुनिया के प्रति इस स्वभाव को अपनाने के लिए चुना है।
एक बार ऐसा हो जाने पर, आप अपने आप को लगातार ऐसे लोगों के संपर्क में पाएंगे जो सचेत रूप से अपने आप में, अन्य व्यक्तियों में और पूरी दुनिया में अच्छाई की तलाश कर रहे हैं। ऐसे कई तरीके हैं जिनसे आप एक आभारी रवैया बनाए रखने की प्रक्रिया जारी रख सकते हैं।
आप एक आभार पेपर बनाकर और तीन चीजों की एक सूची विकसित करके शुरू कर सकते हैं, जिसके लिए आप हर दिन आभारी महसूस करते हैं।
3) अपने अंदर ध्यान की शक्ति को बढ़ाये।
यदि आप अपने जीवन को बाद में बदलने के बजाय अभी बदलना चाहते हैं, तो ध्यान की शक्ति का उपयोग करें। ध्यान कई स्वयं सहायता रणनीतियों में से एक है जिसके साथ लोग अक्सर तत्काल परिणाम देख सकते हैं।
ऐसा इसलिए है क्योंकि ध्यान लोगों को नकारात्मक सोच पैटर्न के अपने दिमाग को तुरंत साफ करने में सक्षम बनाता है। उदाहरण के लिए, आप “प्यार और प्रकाश” या “मैं पर्याप्त हूं” जैसे सकारात्मकता या पुष्टि के शब्दों को चुपचाप पढ़कर नकारात्मक विचारों को कम करने या समाप्त करने के लिए मंत्र ध्यान का उपयोग कर सकते हैं।
4 ) सकारात्मक सोच को विकसित करें। (Positive thinking)
जब आप घूमते हैं और लोगों को देखते हैं, तो एक चीज जो सबसे अलग होगी वह यह है कि एक सामान्य नकारात्मक मानसिकता चारों ओर घूम रही है। क्या लोग अपने देश के नेतृत्व, ग्लोबल वार्मिंग, मौसम, या यहां तक कि उनकी टीम की हार के बारे में नकारात्मक हैं, कहने का मतलब है कि हर तरफ बस नकारत्मकता ही फैली हुई है।
जीवन के प्रति आपका दृष्टिकोण बहुत मायने रखता है। आपने ‘सकारात्मक वाइब्स सोचें’ जैसे मंत्रों के बारे में सबसे अधिक सुना होगा। आप सोच सकते हैं कि वास्तव में आपके जीवन में सकारात्मकता कैसे होनी चाहिए; और आपके पास जो थोड़ा है उसे कैसे विकसित करें।
5) हर दिन अभ्यास करें, चाहे कुछ भी हो।
बदलाव कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे आप कुछ दिन करते हैं और फिर दूसरे दिनों से ब्रेक ले लेते हैं। परिवर्तन जीवन शैली में बदलाव है। इसके लिए दैनिक समर्पण की आवश्यकता होती है, उस बिंदु तक जहां वह नई आदत पुरानी की जगह ले लेती है और अब सचेत प्रयास की आवश्यकता नहीं होती है।
6) आपको जोखिम उठाना होगा।
आप कभी भी वह व्यक्ति नहीं बनेंगे जो आप बनना चाहते हैं जो आप वर्तमान में हैं। ग्रोथ का एक ही अनुरोध है कि आप अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलें। बस। और जब तक आप उस जोखिम को उठाने के लिए तैयार नहीं होते हैं तब तक आप खुद को बदल नहीं सकते है।
हम बोलते तो है खुद को कैसे बदले लेकिन असल में हम खुद ही अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकल नहीं पाते है।
निष्कर्ष (conclusion): खुद को कैसे बदले ?
दोस्तों, life में परिवर्तन सिर्फ कुछ दिन काम करने से नहीं आता है ये एक निरंतर चलने वाली process होती है बदलाव लाने के लिए हमें अपनी जीवनशैली में परिवर्तन करना होता है और इसके लिए हमको अपने अंदर नयी आदते विकसित करनी होती है।
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Singh is an experienced spiritual writer and the resident author at Guruvanee.com. With a deep passion for exploring the mystical aspects of life, Singh delves into various spiritual traditions, philosophies, and practices to inspire readers on their spiritual journeys.