आपका सवागत है दोस्तों आज के इस पोस्ट में आज मैं आपको कुछ ऐसी बातें बताने वाला हूँ जो शायद मुझे दस पंद्रह साल पहले पता होनी चाहिए थी। पर मैं शायद उतना लकी नहीं था जितने लकी आप लोग है क्योंकि मेरी लाइफ में ऐसा कोई इंसान नहीं था जो मुझे गाइड कर सके जो मुझे दस पंद्रह साल पहले वो सब बातें बता सके जो आज मैं आपको बताने वाला हूँ
ये पोस्ट स्पेशली उन लोगों के लिए है जिनकी उमर अभी लगभग बीस साल के आस पास है और ये जो बातें हैं जो मैं आपको बताने वाला हूँ वो सब मैंने अपनी लाइफ के समय को खो करके सीखा है और समय को दांव पर लगाकर सीखा है इसलिए कहीं ऐसा ना हो कि आपको ये बातें जानने में अपनी लाइफ का काफी समयखर्च करना पडे इसलिए आज ही और अभी आपको वो सब बातें जानना जरूरी है
वो सब मिस्टेक जानना जरूरी है जो मैंने अपनी लाइफ में की सच तो यह है कि टाइम ही एकमात्र सबसे जरूरी चीज है जो 6 गलतियां मैंने की वो मैं पूरी ईमानदारी के साथ आप लोगों के साथ में शेयर करना चाहता हूँ। बात शुरू करते हैं जब मैं अपने आप को देखता हूँ तो मेरे पास 12 साल पहले कोई विजन नहीं था कोई प्लानिंग नहीं थी छोटे मोटे डेली लाइफ वाली कमिटमेन्ट थे घूमना फिरना, बकवास करना, टाइम वेस्ट करना और ये सोचना की मैं सबसे अलग हूँ और मुझे सब कुछ बड़ी ही आसानी से हासिल हो जाएगा।
पहली गलती
1.मेरा ये सोचना की में सबसे अलग हु और ये सोच कर मेहनत न करना
मेरी सबसे बडी गलत फहमी थी मेरा ये सोचना की में सबसे अलग हूँ क्योंकि मैं ऐसा कोई काम नहीं करता था 12 साल पहले जो मुझे औरों से अलग बनाता था सच्चाई तो ये थी कि मैं भी वही सब कर रहा था जो हर कोई कर रहा था समय की बर्बादी कोई बडा सपना नहीं देखना और जब सपना नहीं होगा तो मेहनत क्या करोगे?
आप के पास कोई विजन तो है नहीं तो 12 साल पहले मुझे लगता था कि मैं जो चाहूंगा वो मुझे लाइफ में आसानी से मिल जाएगा क्योंकि बचपन से नैतिक शिक्षा में पढते ही आ रहे थे की मेहनत ही सफलता की कुंजी है। करना चाहो तो कुछ भी असंभव नहीं और ये सब चीजे इतनी बार पढ ली थी और इतनी बार घर वालों से सुन ली थी कि दिमाग इनके प्रति न्यूट्रल हो गया था और इतना न्यूट्रल की इन सब बातों का कोई असर नहीं पड रहा था
और ये सब नैतिक शिक्षा सुनकर के दिमाग में कहीं ना कहीं ये बैठ गया था कि हाँ मैं कुछ भी कर लूंगा जब भी कुछ करना चाहूंगा तो कर ही लूंगा लेकिन ये नहीं पता था कि कब करना है और क्या करना है। बस टाइम पास किया जा रहा था
दूसरी गलती
2. बहुत ज्यादा सोचना और इंतजार करना
मेरी दूसरी सबसे बडी गलती थी जो मैंने 12 साल पहले करी थी और वो गलती थी इंतजार करना मुझे नहीं पता था में क्यों और किसका इंतज़ार कर रहा हु हम सबके साथ ये होता है हम सब इंतजार कर रहे होते है सही समय आने का और वो कभी नहीं आता सही समय बनाना पड़ता है
तीसरी गलती
3. लडकियों के बारे में ज्यादा सोचना
मेरी तीसरी सबसे बडी गलती थी जो मैंने 12 साल पहले करी थी और वह गलती आज के बहुत सारे लोग करते हैं। लडकियों के बारे में ज्यादा सोचना मैं पूरी ईमानदारी के साथ आप से बात कर रहा हूँ क्योंकि ये एसा टॉपिक है जिसके बारे में बहुत कम लोग बात करते हैं लेकिन इसके साथ ही साथ ये ऐसा टॉपिक भी है जो कई युवाओं को बर्बाद भी कर रहा है
देखिए मेरा ऐसा कोई चक्कर तो नहीं था ये बहुत नेचुरल था कि अपोजिट जेंडर के साथ में अट्रैक्शन होता है। लिमिट में है तो ठीक है और पर इसबारे में जादा सोचना बहुत बर्बाद करने वाली चीज है और मुझे आपको ऐसा बताने में कोई हर्ज नहीं है जिससे आप सब लोग यानि की हमारे देश का युवा उस एक काल्पनिक दुनिया से बाहर निकल सके जो उसको एक इमेजनरी इल्यूजन में रखती है जो उसको बर्बाद करके रखती है
अगर मेरी लाइफ में 12 साल पहले कोई जरूरी चीज होनी चाहिए थी तो वह थी खुद के सपनो के ऊपर ध्यान देना। किसी और की लाइफ में नहीं बल्कि खुद की लाइफ की प्लानिंग करनी चाहिए थी मुझे उस टाइम शायद अगर मैं ऐसा कर रहा होता तो आज मैं जैसा भी हूँ उससे ज्यादा बेहतर होता और अगर आप लडकी हो और लडकों के बारे में ज्यादा सोच रही हो और अगर आप लडके हो और लडकियों के बारे में ज्यादा सोच रहे हो तो आपको इस अपोजिट जेंडर के अट्रैक्शन से ध्यान हटाकर के खुद के बारे में सोचना पडेगा
और अगर आप ऐसा करोगे और ऐसा करने में अगर आप सक्सेस फुल होते हो तो विश्वास करो 12 साल बाद आप अपने आपको आज से बहुत बेहतर पाओगे।
चोथी गलती
4. ये सोचना की मैं दूसरों के लिए बहुत जरूरी हूँ
मेरी चौथी गलती थी ये सोचना की मैं दूसरों के लिए बहुत जरूरी हूँ और मेरी दूसरों की लाइफ में बहुत वैल्यू है मेरा जो 12 साल पहले का फ्रेंड सर्किल था उनमें से मुस्किल से बहुत कम लोग ऐसे हैं जो मुझे पूरे साल में कभी कभी दो 12 बार फोन कर लिया करते हैं या तो व्हाट्सएप पर आगे ऐसे गुड मॉर्निंग, और गुड नाइट के मैसेज आते है बस और ज्यादा किसी से कोई कॉन्टेक्ट नहीं
अब मेरा ये कहना नहीं था कि आप सबका साथ छोड दे और अपने आप को अलग बना लो 12 साल बाद में जो आपकी हर मुस्किल में आपके साथ होगा वो आप खुद होंगे केवल आप खुद ही अकेले वो इंसान होंगे जो तब भी खुद के साथ में खडे होंगे 12 साल बाद में भी आप खुद आपके सबसे ज्यादा करीब होंगे
बीस साल बाद भी आप खुद आपके सबसे ज्यादा करीब होंगे और मरते दम तक केवल आप ही खुद के सबसे ज्यादा करीब होंगे मैं आपको सेल्फिस बनने के लिए नहीं बोल रहा हूँ। बस सब के लिए जीते जीते कही खुद के सपने दांव पर मत लगाना क्योंकि आपके लिए आपसे बेहतर इंसान इस 780 करोड़ की दुनिया में तो कोई नहीं है।
पाचवी गलती
5. पेरेंट्स पर उतना ध्यान नहीं देता था जितना मुझे देना चाहिए था
जो पांचवी गलती मैंने करी थी। 12 साल पहले वो ये थी कि मैं अपने पेरेंट्स पर उतना ध्यान नहीं देता था जितना मुझे देना चाहिए था। क्योंकि अगर आज भी मैं ध्यान से देखता हूँ तो जो फीकर मेरी माँ को 12 साल पहले मेरे बारे में हुआ करती थी वही फिकर उनको आज भी होती है।
भले ही मैं इंडिपेंडेंट हूँ लेकिन आज भी मेरे पिताजी वही फिक्र करते हैं जो 12 साल पहले करते थे सचाई बताऊ तोह वह उनकी आखिरी सांस तक वो वैसे ही रहेंगे, चाहे आप कितने भी सक्सेसफुल हो जाओ चाहे आपकी लाइफ में कितने ही लोग आए और लोग जाए और लोग आते ही रहते हैं और जाते भी रहते हैं।
लेकिन आपके जो पेरेंट्स है वो आपकी केयर करना तब भी नहीं छोडेंगे चाहे आप उनकी केयर करना बंद कर दो, वो आपकी केयर करना मरते दम तक नहीं छोडेंगे और जब तक मैं हूं जब तक वह वो मेरे लिए हमेशा अच्छा ही सोचेंगे अगर मुझे 12 साल पहले इस दुनिया में किसी को इम्पोर्टेंस देनी चाहिए थी तो शायद अपने पेरेंट्स को देनी चाहिए थी
छठी गलती
6. केवल मार्क्स के पीछे भागना
मेरी छठी गलती थी जो मैंने दस पंद्रह साल पहले करी थी वो थी बुरा मत मानना मैं शायद गलत हो सकता हूँ। लेकिन वो गलती थी मेरा केवल मार्क्स के पीछे भागना हमारी लाइफ की जो असली पढाई है ना जो हमारी जिंदगी की असली सीख है वो हमें तब सीखने को मिलती है जब हमारी किताबों वाली पढाई पूरी हो जाती है।
जब हम असली जिंदगी में आते हैं अगर मैं उसके साथ साथ कुछ स्किल्स को भी सीखने में भी अपना समय लगता तो शायद आज मैं पहले से ज्यादा और अच्छी पोजीशन पर पहुँचा होता अगर मैं कंप्यूटर टाइम पे सीखा होता मैं इंग्लिश बोलना टाइम पर सीखा होता इस दुनिया को और खुद को समझने की कोशिश की होती तो आज में थोडा सा ऊपर होता थोडा सा बेहतर होता
ये बात अलग है कि बाद में जब मैंने चीजे रिलाइज करी तो उसके बाद में मेने कभी समय बर्बाद नहीं किया मैं किसी को ब्लेम नहीं करता यार क्योंकि जब हम अलग अलग परिवारों में पैदा होते हैं तो उस परिवार की सिचुएशन भी अलग अलग होती है
लेकिन ये भी सच है आज कल तो समाज का भी मानना है कई जगह केवल मार्क्स से किसी इंसान के बारे में जजमेंट किया जाता है देखो नो इतने जादा मायने नहीं रखते जरुरी ये है की आप सिख क्या रहे हो उम्मीद है मेने जो ये गलतिया की है और उन गलितियो से जो सिखा है वो आप ने समझा होगा और आपने भी कुछ सिखा होगा अगर ये बाते आपको अच्छी लगी तोह निचे कमेंट में अपनी भी कोई गलती बताये जो आपने की हो और उससे कुछ सिख ली हो और पोस्ट अच्छी लगी हो तोह दोस्त में जरुर शेयर करे
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Singh is an experienced spiritual writer and the resident author at Guruvanee.com. With a deep passion for exploring the mystical aspects of life, Singh delves into various spiritual traditions, philosophies, and practices to inspire readers on their spiritual journeys.